From Manager's Desk
सर्वविदित है कि किसी भी समाज की प्रगति का मूल आधार वहाँ की शिक्षा व्यवस्था होती है। श्रेष्ठ नागरिकों का निर्माण शिक्षण संस्थाओं में होता है। शैक्षणिक संस्थाओं का स्तर ऊँचा उठने से समाज का चतुर्दिक विकास तीव्र गति से होता है।
वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में भारत सहित विश्व के समस्त देशों में कुशल वकील (Skilled Lawyer) की माँग तेजी से बढ़ी है। बार काउन्सिल ऑफ इण्डिया द्वारा कराये गये एक सर्वेक्षण से यह बात सामने आयी है कि केवल 20 प्रतिशत भारतीय विधि-विद्यार्थी ही न्यायालयों में कार्य करने की योग्यता रखते हैं, जो निश्चित ही चिन्ता का विषय है। इसका मूल कारण अच्छे विधि शिक्षण संस्थानों की कमी है। इसी परिप्रेक्ष्य को दृष्टिगत रख हमारी सोसाइटी 'द नेशनल डिग्री कालेज' ने गोरखपुर मुख्यालय से 60 किमी. दूर अवस्थित बड़हलगंज उपनगर में विधि महाविद्यालय "पं० भृगुनाथ चतुर्वेदी कॉलेज ऑफ ला" (पंचवर्षीय पाठ्यक्रम) खोलने का निर्णय लिया। इसके अन्तर्गत बी.ए.एलएल.बी (आनर्स) की डिग्री छात्र/छात्राओं को प्रदान की जायेगी।
वडहलगंज गोरखपुर मुख्यालय से दक्षिण में स्थित है। मुन्सिफ न्यायालय गोला (गोरखपुर) यहाँ से 12 किमी. की दूरी पर स्थित है। मुख्यालय के बाद 60 किमी. की परिधि में अन्य कोई विधि महाविद्यालय स्थापित न होना स्वयं में चिन्तनीय है। पूर्वांचल के आर्थिक रूप से पिछड़ेपन के कारण महानगरों में विधि (पंचवर्षीय पाठ्यक्रम) की महँगी शिक्षा लेने में यहाँ के विद्यार्थी असमर्थ हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु विधि महाविद्यालय की स्थापना की गयी। इस संकल्प के साकार होने से पूर्वाचल के युवाओं/युवतियों को विधि के क्षेत्र में रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध हो सकेगा।
मैं स्वयं अपनी तरफ से तथा पूरे विधि महाविद्यालय के तरफ से पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले समस्त छात्र/छात्राओं को शुभकामनाएँ देता हैं। मुझे आशा ही नहीं वरन् पूर्ण विश्वास है कि यह पाठ्यक्रम उनकी लक्ष्य प्राप्ति में मील का पत्थर साबित होगा।
Mr. Bhism Shankar Tiwari